tag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post4897892795681041080..comments2023-11-03T07:45:43.083+00:00Comments on Beyond The Second Sex (स्त्रीविमर्श): जिसके निशान नहीं दीखते........Unknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-37096069308412229612014-03-13T15:03:32.734+00:002014-03-13T15:03:32.734+00:00प्रिय सुधा जी,
कविता जी द्वारा हिन्दी जगत से प्र...प्रिय सुधा जी,<br /> <br />कविता जी द्वारा हिन्दी जगत से प्राप्त आपका महिला दिवस पर विशेष लेख "निशान जो नहीं दीखते"महिलाओं का सच उजागर करता है. ऐसा लगता है जैसे यह अपनी ही आप बीती आप तक अनायास ही पहुँच गई है. पत्नी यदि अधिक योग्य और लोकप्रिय हो तो पति अपनी कुंठा उस पर किस तरह से निकालता है, यह शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता. माँ के आँचल से ही नहीं किसी पर स्त्री के मोहपाश में जकड़ा पुरुष पत्नी पर दबंग हो, उसे हर तरह से प्रताड़ित करता है <br /> <br />काश आपका लेख पुरुषों की मानसिकता में बदलाव ला सके तथा स्त्रियों में जागरूकता और अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने में मदद दे सके.<br /> <br />मेरा साधुवाद और आभार .<br /> <br />आदर सहित,<br /> <br />पुष्पा सक्सेना.<br />Pushpa Saxenahttps://www.blogger.com/profile/01094556406328991814noreply@blogger.com