tag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post6987073856293224745..comments2023-11-03T07:45:43.083+00:00Comments on Beyond The Second Sex (स्त्रीविमर्श): कौमार्य पर उठा बवालUnknownnoreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-66269759113886208812009-10-01T19:21:41.299+01:002009-10-01T19:21:41.299+01:00-male has used ,abused and controlled the second s...-male has used ,abused and controlled the second sex n its highly deplorable n condemning in every aspect... females need to oppose it uncompromisingly n need of the hour is to leave the cozy drawing rooms by the empowered women !!!डाॅ रामजी गिरिhttps://www.blogger.com/profile/08761553153026906318noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-89857529582721189412009-09-30T16:27:58.614+01:002009-09-30T16:27:58.614+01:00स्त्री की बदतर से बदतर किसी दशा पर स्तब्ध होने जै...स्त्री की बदतर से बदतर किसी दशा पर स्तब्ध होने जैसा कुछ नहीं है वस्तुतः | वह आज भी जानवरों से अधिक बुरी अवस्था में जीने को बाधित है.<br /><br />लीबिया आदि देशों में विवाह की प्रथा का विवरण जानने वाले लोग बेहतर जानते हैं कि वहाँ सारे सगे संबन्धी तब तक नीचे आँगन में जुटे रहते हैं, जश्न नहीं आरम्भ होता, जब तक विवाह की अगली सुबह उठकर वर रक्त रँगी सफ़ेद चादर ऊपर से नीचे आँगन में नहीं फ़ेंक देता. सार्वजनिक स्तर पर स्त्री की निजता की ऐसी धज्जियाँ इसी दीन दुनिया में उडाई जाती हैं. <br /><br />और तथाकथित भारतीय समाज में स्त्री की दशा देखनी हो तो उसके अपने माता पिता द्वारा ही उसका धरती पर आने से पहले प्राणांत कर देने से उसकी विरह व्यथा आरंभ होती है.<br /><br /> आगे क्या कहिए.... कही न जाए..... <br /><br />हजारी प्रसाद द्विवेदी और महादेवी याद आते हैं.Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-577895585152425542009-09-29T15:15:18.235+01:002009-09-29T15:15:18.235+01:00bahut hi apmaanjanak hai yeh...... to..... pata na...bahut hi apmaanjanak hai yeh...... to..... pata nahi yeh log kis duniya mein jee rahe hain......? yeh to bahut hi sharmnaak hai....... aise samaaj ko kya kahenge? yeh to uparwala hi jaane......डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-81634735508008755372009-09-29T13:38:52.094+01:002009-09-29T13:38:52.094+01:00व़ास्तविकता तो यह है कि पुरुष महिला से बेहद डरा ह...व़ास्तविकता तो यह है कि पुरुष महिला से बेहद डरा हुआ है, इसलिए उसे तो मासूम सी कठपुतली चाहिए। वह कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता। मजेदार बात तो यह है कि यह केवल एक पुरुष की मानसिकता नहीं है, यह सामूहिकता की मानसिकता है। मुझे तो लगता है कि मनोवैज्ञानिकों का सारा ध्यान पुरुष की मानसिकता का इलाज करने में लगना चाहिए। जहाँ पुरुष ज्ञानवान हो गया है वहाँ ऐसी विकृति नहीं है लेकिन जहाँ न शिक्षा है और न ही ज्ञान वहाँ तो पुरुष महिला को हव्वा समझता है। उन्होंने प्रारम्भ से ही सारे नियम बनाए हैं कि वह उनकी मुठ्ठी में रह सके। हम जानते हैं कि अफगानिस्तान, मिस्र ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ विकृत मानसिकता की अति है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-27108267281129778852009-09-29T13:30:57.498+01:002009-09-29T13:30:57.498+01:00राष्ट्र कवि दिनकर ने कुंती के कौमार्य को सम्मान द...राष्ट्र कवि दिनकर ने कुंती के कौमार्य को सम्मान दिया .कहा वो माता कुंती सती कुंवारी (रश्मिरथी )..आज ये जानकर बहुत दुःख हुआ कि दुनिया के हर कोने में स्त्रियों को कई परीक्षाएं देनी पड़ रही है .कौमार्य-भंग ... क्या उन्हें मालूम नहीं की प्रकृति का बस एक स्वाभाविक साहचर्य है .एक स्त्री और पुरूष के अपने निजी जीवन का अदभूत सौंदर्य समागम .और कौमार्य तो कोई विषय वस्तु है ही नही यहाँ ,यह तो मात्र उन पुरुषों की कुत्सित मानसिकता है जो किसी के निजी जीवन को सार्वजानिक भोग की वस्तु बनाने पर तुले हैं .और कौर्मार्य की परीक्षा आख़िर क्यों ! किसी के दैहिक कौमार्य के बारे में तो जान सकते हो ..फ़िर तुम मानसिक कौमार्य की भी तो बात करोगे ....कहाँ उलझे हैं ये लोग ... मरियम के कौमार्य पर भी प्रश्न उठाओगे तुम लोग ....कोई ऐसा उपकरण हो के जरा इन् पोंगा पंथों के मन चल रहे कौमर्यत्व भंग करने के कितने बार ख़याल आए इसका भी पता चले और कितनी बार ये ऐसा कर चुके हैं इसका भी पता चले ..... SATYA PRAKASH MISHRAsatya....https://www.blogger.com/profile/07999830652311414701noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-39569178612570335972009-09-29T13:19:16.740+01:002009-09-29T13:19:16.740+01:00बड़ी दिलचस्प जानकारीबड़ी दिलचस्प जानकारीमहेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-20003253398139337662009-09-29T08:18:37.670+01:002009-09-29T08:18:37.670+01:00यदि अपना कौमार्य साबित करने के लिए स्त्री को उपकरण...यदि अपना कौमार्य साबित करने के लिए स्त्री को उपकरण की मदद लेनी पढ़ रही है तो इसका क्या मतलब ? हम चंद्रमा पर पहुँच गए मगर स्त्री तो अब भी वहीँ की वहीँ खड़ी है . अग्नि परीक्षाएं दे रही है और परीक्षा फल उसके खिलाफ ही घोषित हों रहे है ! पुरुष वह भी कानून बनाने में ही लगा है . उसका भी कोई विकास नहीं हुआ अब तक !प्रज्ञा पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/03650185899194059577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-50793878893554330752009-09-29T06:50:53.673+01:002009-09-29T06:50:53.673+01:00शर्मनाक कौमार्य भंग करने वालों को ही एक औरत को सबू...शर्मनाक कौमार्य भंग करने वालों को ही एक औरत को सबूत देना पडे इस से बडी औरत की त्रास्दी क्या ह्aो सकती है ?निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-25711603960617182992009-09-29T06:37:36.020+01:002009-09-29T06:37:36.020+01:00शर्मनाक ...वीभत्स ..!!शर्मनाक ...वीभत्स ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-87609594225308629702009-09-29T03:56:50.358+01:002009-09-29T03:56:50.358+01:00इन आदिकालीन विषयों पर सोचना ही समय बर्बाद करना है ...इन आदिकालीन विषयों पर सोचना ही समय बर्बाद करना है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-2952269731050269262009-09-29T02:48:22.811+01:002009-09-29T02:48:22.811+01:00बेहद अफसोसजनक ---मेरा तो यह पढ़ कर सिर फटा जा रहा ...बेहद अफसोसजनक ---मेरा तो यह पढ़ कर सिर फटा जा रहा है।<br /> डियर द्विवेदी जी एक जाने माने वकील हैं ---उन्होंने अपनी टिप्पणी में कितना सही लिखा है ---कौन हैं ये कौमार्य भंग करने वाले ?Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-131688133944299430.post-57237185446713708692009-09-29T02:14:52.423+01:002009-09-29T02:14:52.423+01:00बहुत ही अपमान जनक। कौन हैं ये कौमार्य भंग करने वाल...बहुत ही अपमान जनक। कौन हैं ये कौमार्य भंग करने वाले?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com