'कथादेश' में प्रकाशित शालिनी माथुर के लेख "व्याधि पर कविता या ...." से प्रारम्भ हुए विमर्श पर शालिनी माथुर के गत लेख "मृतात्माओं का जुलूस" के क्रम में इसे पढ़ने से पूर्व कृपया पिछला लेख यहाँ देखें, उसी क्रम की एक कड़ी के रूप में इस बार पढ़ा जाए सुनील सिंह के - बनाकर फकीरों का हम भेस गालिब
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- सुनील सिंह