गुरुवार, 17 जून 2010

बच्चियों का ख़तना

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बच्चियों के ख़तना के ख़िलाफ़ अपील

कुर्दिस्तान में स्कूली बच्चियाँ
कई जगहों पर 40 प्रतिशत और कुछ अन्य जगहों पर 70 प्रतिशत तक बच्चियों की ख़तना हुई है


अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने इराक़ के उत्तरी स्वायत्त इलाक़े कुर्दिस्तान में बच्चियों के ख़तना पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्थानीय सरकार से अपील की है.

संस्था ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ये प्रथा इराक़ी कुर्दिस्तान में व्यापक है और इससे महिलाओं को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से काफ़ी नुक़सान झेलना पड़ता है.

बीबीसी संवाददाता जिम मोयर के अनुसार इराक़ में अन्य जगहों पर बच्चियों के ख़तना का चलन नहीं है लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि कुर्दिस्तान में ये प्रथा इतनी व्यापक क्यों है.

उनके अनुसार इस बारे में स्पष्ट आंकड़े तो नहीं है लेकिन हाल में हुए कई सर्वेक्षणों के अनुसार कुर्दिस्तान में ये कुछ इलाक़ों में 40 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक प्रचलित है.

स्वास्थ्य को ख़तरा
बच्चियों के स्वास्थ्य को ख़तरा इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ख़तना के अधिकतर मामलों में पाया जाता है कि ये अप्रशिक्षित लोगों द्वारा किया जाता है.

इस प्रक्रिया से पहले लड़कियों को ये भी पता नहीं होता कि क्या किया जाना है.

ह्यूमैन राइट्स वॉच के अनुसार इस ऑपरेशन का कोई स्वास्थ्य संबंधी लाभ या मक़सद नहीं है बल्कि इसके नकारात्मक शारीरिक और मनोवैज्ञानिक असर हो सकते हैं.

इस प्रथा का हालाँकि इस्लाम से कोई लेनादेना नहीं है लेकिन कुर्दिस्तान के कुछ मौलवियों ने इसका स्वागत किया है क्योंकि उनका मानना है कि इस ख़तना से युवा होती लड़कियों और महिलाओं में यौनेच्छा मिट जाती है.

इसके बारे में कोई विस्तृत आंकड़े तो मौजूद नहीं हैं लेकिन हाल के कुछ सर्वेक्षणों से पता चलता है कि यह काफ़ी बड़े पैमाने पर मौजूद है.

ह्यूमैनराइट्स वॉच ने इस बारे में जो रिपोर्ट प्रकाशित की है उसे शीर्षक दिया है: "वे मुझे ले गए और कुछ नहीं बताया."

इससे पहले इस प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगाने की योजनाएँ तो बनी हैं लेकिन उनका कोई नतीजा नहीं निकला है.(बीबीसी)

मंगलवार, 15 जून 2010

ब्रिटेन में पहला गर्भपात विज्ञापन

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ब्रिटेन में पहला गर्भपात विज्ञापन
गर्भपात का विज्ञापन
गर्भपात की सलाह देनेवाले विज्ञापन पर चर्च और गर्भपात विरोधी समूहों ने आपत्ति की है


ब्रिटेन में टेलीविज़न पर पहली बार गर्भपात सेवाओं के बारे में सलाह देनेवाले एक विज्ञापन का प्रसारण शुरू किया गया है.


इस विज्ञापन पर चर्च और गर्भपात विरोधी समूहों ने नाराज़गी जताई है.


ब्रिटेन में गर्भपात के बारे में पहली बार विज्ञापन टीवी चैनल – चैनल फ़ोर – पर प्रसारित किया गया है.


इस विज्ञापन को एक सहायता संस्था – मेरी स्टोप्स इंटरनेशनल – ने तैयार करवाया है जो ब्रिटेन में हर साल होनेवाले दो लाख से अधिक गर्भपातों में से एक तिहाई गर्भपात करवाने में सहायता करती है.


संस्था का कहना है कि अनचाहे गर्भ के बारे में जागरुकता नहीं होने के कारण इस विज्ञापन का प्रसारण ज़रूरी है.


मगर एक गर्भपात विरोधी संस्था – सोसायटी फ़ॉर द प्रोटेक्शन ऑफ़ अनबॉर्न चिल्ड्रेन – का दावा है कि इस विज्ञापन से गर्भपात की संख्या बढ़ेगी क्योंकि इससे गर्भपात को अगंभीर समझा जाने लगेगा.


रोमन कैथोलिक चर्च का कहना है कि इस तरह के विज्ञापन से गर्भपात एक उपभोक्ता सेवा बन जाएगा.


ब्रिटेन के उत्तरी आयरलैंड प्रदेश में इस विज्ञापन को प्रसारित नहीं किया जाएगा क्योंकि वहाँ गर्भपात को अभी भी अवैध समझा जाता है|


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