शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

इतिहास में पहली स्त्री-हत्या ....



ये कविताएँ आपके रोंगटे खड़े कर देंगी। अभिनंदन `विद्रोही '  रचनाकार का !




5 टिप्‍पणियां:

  1. हे भगवान्....आँख है कि बहने से रुक नहीं रही...कान हैं कि कह रहे हैं और सुनो और सुनो....

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  2. वेहतरीन प्रस्तुति ...............विद्रोही जी को हमारा सलाम

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  3. आ.कविता जी,
    विद्रोही जी को मेरा नमस्कार कहियेगा | बहुत सुन्दर प्रस्तुति लेकिन रोंगटे खड़े करने वाली प्रस्तुति की आवाज कहाँ तक पहुँच पाएगी ?
    सादर
    संपत

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